Patthar ki murat bol padi.

पत्थर की मूरत बोल पड़ी क्या मुझे मनाने आया है।



पत्थर की मूरत बोल पड़ी, क्या मुझे मनाने आया है,
पत्थर की मूरत बोल पड़ी, क्या मुझे मनाने आया है,
तेरे घर में मईया तड़प रही, तेरे घर में मईया तड़प रही,
तेरे घर में मईया तड़प रही, क्या तुझे तरस नहीं आया है,
तेरे घर में मईया तड़प रही, क्या तुझे तरस नहीं आया है,
पत्थर की मूरत बोल पड़ी,  क्या मुझे मनाने आया है,
पत्थर की मूरत बोल पड़ी, क्या मुझे मनाने आया है।।

तू छप्पन भोग ले आया है, तू छप्पन भोग ले आया है,
तेरे घर में मईया भूखी है, तेरे घर में मईया भूखी है,
दाने दाने को तरस रही, और मुझे खिलाने आया है,
दाने दाने को तरस रही, और मुझे खिलाने आया है,
पत्थर की मूरत बोल पड़ी,  क्या मुझे मनाने आया है,
पत्थर की मूरत बोल पड़ी, क्या मुझे मनाने आया है।।

तू जल का लोटा लाया है, तू जल का लोटा लाया है,
तेरे घर में मईया प्यासी है, तेरे घर में मईया प्यासी है,
वो बूंद बूंद को तरस रही, और मुझे पिलाने आया है,
वो बूंद बूंद को तरस रही, और मुझे पिलाने आया है,
पत्थर की मूरत बोल पड़ी, क्या मुझे मनाने आया है,
पत्थर की मूरत बोल पड़ी, क्या मुझे मनाने आया है।।

तू लाल चुनरिया लाया है, तू लाल चुनरिया लाया है,
तेरी मईया घर में तरस रही, तेरी मईया घर में तरस रही,
वो तो फटा पुराना पहन रही, मुझे नया पहनाने आया है,
वो तो फटा पुराना पहन रही, मुझे नया पहनाने आया है,
पत्थर की मूरत बोल पड़ी,  क्या मुझे मनाने आया है,
पत्थर की मूरत बोल पड़ी, क्या मुझे मनाने आया है।।

तू अपनी मां को मना लेना, तू अपनी मां को मना लेना,
सीने से उसको लगा लेना, सीने से उसको लगा लेना,
तेरे सारे कष्ट ये मिट जायेंगे, क्या मुझे मनाने आया है,
तेरे सारे कष्ट ये मिट जायेंगे, क्या मुझे मनाने आया है,
पत्थर की मूरत बोल पड़ी,  क्या मुझे मनाने आया है,
पत्थर की मूरत बोल पड़ी, क्या मुझे मनाने आया है।।

Post a Comment

Previous Post Next Post