ओ केवट भैया हे नैया के खिवैया।
ओ केवट भैया हे नैया के खिवैया,
बिठा के हमें नैया लगाओ उस पार तुम,
हम तीनों पे करो ये उपकार तुम,
ओ केवट भैया हे नैया के खिवैया,
बिठा के हमें नैया लगाओ उस पार तुम,
हम तीनों पे करो ये उपकार तुम।।
राजतिलक के बदले में हमने,
राजतिलक के बदले में हमने,
चौदह वर्ष का वन पाया,
किस्मत में अपने जो भी लिखा था,
आज वही शुभ दिन आया,
पार करा दो....
पार करा दो करो ना देरी,
फिर गई रात अंधेरी,
मेरे भाई क्या तुम्हे उतराई,
नहीं है एक पाई, ना करना इनकार तुम,
हम तीनों पे करो ये उपकार तुम,
ओ केवट भैया हे नैया के खिवैया,
बिठा के हमें नैया लगाओ उस पार तुम,
हम तीनों पे करो ये उपकार तुम।।
पैरों में तुम्हरे जादू है भैया,
पैरों में तुम्हरे जादू है भैया,
नैया नहीं चढ़ने दूंगा,
जादू भरे इन पैरों को तुम्हरे
हरगिज नहीं पड़ने दूंगा,
पांव की तुम्हरे....
पांव की तुम्हरे महिमा भारी,
छू के कर दे नारी,
देगी गारी हमार घरवाली,
करेगी मेरी मारी, करो ना इंकार तुम,
हमका मेहरी से खिलाओ नहीं मार तुम,
ओ केवट भैया हे नैया के खिवैया,
बिठा के हमें नैया लगाओ उस पार तुम,
हम तीनों पे करो ये उपकार तुम।।
बेबस हैं भैया हम तीनों प्राणी,
बेबस हैं भैया हम तीनों प्राणी,
दूर बहुत हमें जाना है,
मंजिल ना कोई रस्ता ना देखा,
जाने कहां पे ठिकाना है,
संग में नारी...
संग में नारी है बेचारी समझो ये लाचारी,
सुकुमारी, सिया ये सुकुमारी,
अवध की है प्यारी निहारो इक बार तुम,
हम तीनों पे करो ये उपकार तुम,
ओ केवट भैया हे नैया के खिवैया,
बिठाके हमें नैया लगाओ उस पार तुम,
हम तीनों पे करो ये उपकार तुम,
ओ केवट भैया हे नैया के खिवैया,
बिठा के हमें नैया लगाओ उस पार तुम,
हम तीनों पे करो ये उपकार तुम।।
पार उतरूंगा एक शर्त पर,
पार उतरूंगा एक शर्त पर,
पहले चरण पखारूंगा,
जादू भरे इन पैरों को धोकर,
अपना जनम संवारूंगा,
कर्मों से हम....
कर्मों से हम भाई–भाई,
फिर कैसी उतराई,
रघुराई यहां की उतराई,वहां देना चुकाई,
कर देना भव से पार तुम,
उतराई ये वहां देना उतार तुम,
ओ केवट भैया हे नैया के खिवैया,
बिठा के हमें नैया लगाओ उस पार तुम,
हम तीनों पे करो ये उपकार तुम।।
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Sri Ram Bhajan