Ganraj Ke Darbar Mein Sar Sabko Jhukana Padega.Ganpati Bhajan Lyrics.

गणराज के दरबार में सर सबको झुकाना पड़ेगा:

गणराज के दरबार में,
सर सबको झुकाना पड़ेगा,
गणराज के दरबार में,
सर सबको झुकाना पड़ेगा,
मैं भी आया हूं इस वास्ते,
मेरी बिगड़ी बनाना पड़ेगा,
मैं भी आया हूं इस वास्ते,
मेरी बिगड़ी बनाना पड़ेगा,
गणराज के दरबार में,
सर सबको झुकाना पड़ेगा,
गणराज के दरबार में,
सर सबको झुकाना पड़ेगा।।

दर पे जो भी तुम्हारे है आया,
मन की अपनी मुरादें है पाया,
दर पे जो भी तुम्हारे है आया,
मन की अपनी मुरादें है पाया,
क्यों भटकता है तू मारा–मारा,
सर झुकाने को आना पड़ेगा,
क्यों भटकता है तू मारा–मारा,
सर झुकाने को आना पड़ेगा,
गणराज के दरबार में,
सर सबको झुकाना पड़ेगा,
गणराज के दरबार में,
सर सबको झुकाना पड़ेगा।।

देख दुनिया के सब ये झमेले,
चले जायेंगे सब ये अकेले,
देख दुनिया के सब ये झमेले,
चले जायेंगे सब ये अकेले,
किसलिये तुझको इतना गुमां है,
आने वाले को जाना पड़ेगा,
किसलिये तुझको इतना गुमां है,
आने वाले को जाना पड़ेगा,
गणराज के दरबार में,
सर सबको झुकाना पड़ेगा,
गणराज के दरबार में,
सर सबको झुकाना पड़ेगा।।

सतनाम धन भर लो खजाना,
अपने साधन प्रभु से लगाना,
सतनाम धन भर लो खजाना,
अपने साधन प्रभु से लगाना,
प्रभु के सेवक बनकर के रहिये,
भाव सागर से तरना पड़ेगा,
प्रभु के सेवक बनकर के रहिये,
भाव सागर से तरना पड़ेगा।।

गणराज के दरबार में,
सर सबको झुकाना पड़ेगा,
गणराज के दरबार में,
सर सबको झुकाना पड़ेगा,
मैं भी आया हूं इस वास्ते,
मेरी बिगड़ी बनाना पड़ेगा,
मैं भी आया हूं इस वास्ते,
मेरी बिगड़ी बनाना पड़ेगा,
गणराज के दरबार में,
सर सबको झुकाना पड़ेगा,
गणराज के दरबार में,
सर सबको झुकाना पड़ेगा।।



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