ये ग्यारस बिन तेरे दर्शन, क्यों बाबा बीत जाती हैं, क्यों बाबा बीत जाती है, मुझे दिन-रात खाटू की, ओ बाबा याद आती है, ओ बाबा याद आती है, ये ग्यारस बिन तेरे दर्शन, क्यों बाबा बीत जाती है, क्यों बाबा बीत जाती है ।।
है सूना मन तेरे दर्शन के बिन बाबा करूं मैं क्या, है सूना मन तेरे दर्शन के बिन बाबा करूं मैं क्या, तू ही आजा मिलन को अब मैं तुझसे और मांगूं क्या, हैं रोटी याद में तेरी, ये आंखें भर सी जाती हैं, तुम्हारी याद आती है, ये ग्यारस बिन तेरे दर्शन, क्यों बाबा बीत जाती है, क्यों बाबा बीत जाती है ।।
तेरे मन्दिर के बाहर का नजारा याद आता है, तेरे मन्दिर के बाहर का नजारा याद आता है, कोई रोता है मिलने को, तो कोई मुस्कुराता है, महक माटी की खाटू की, मेरी सांसों में आती है, मेरी सांसों में आती है, ये ग्यारस बिन तेरे दर्शन, क्यों बाबा बीत जाती है, क्यों बाबा बीत जाती है ।।
तू कर ऐसा जतन बाबा, समय जल्दी ये कट जाए, तू कर ऐसा जतन बाबा, समय जल्दी ये कट जाए, तेरे दरबार में आकर, तेरे भजनों को हम गाएं, तुम्हारा प्यार पाने की कसक बढ़ती ही जाती है, कसक बढ़ती ही जाती है, ये ग्यारस बिन तेरे दर्शन, क्यों बाबा बीत जाती है,क्यों बाबा बीत जाती है ।।