आज हरि आए विदुर घर पाहुना, आज हरि आए विदुर घर पाहुना, आज हरि आए विदुर घर पाहुना, आज हरी आए .....
विदुर नहीं घर थीं विदुरानी, आवत देखे सारंग पानी, विदुर नहीं घर थीं विदुरानी, आवत देखे सारंग पानी, फूली–फूली फिरे अंगना में, फूली–फूली फिरे अंगना में, भोजन कहां जिमावना, आज हरि आए विदुर घर पाहुना, आज हरि आए विदुर घर पाहुना, आज हरि आए ......
केले बहुत प्रेम से लाई, गिरी–गिरी सब देत गिराई, केले बहुत प्रेम से लाई, गिरी–गिरी सब देत गिराई, छिलका देत हरि मुख माहीं, छिलका देत हरि मुख माहीं, लागे परम सुहावना, आज हरि आए विदुर घर पाहुना, आज हरि आए विदुर घर पाहुना, आज हरि आए ......
इतने माही विदुर जी आए, खारे–खोटे वचन सुनाए, इतने माही विदुर जी आए, खारे–खोटे वचन सुनाए, छिलका देत हरि मुख माहीं, छिलका देत हरि मुख माहीं, कहां गई तेरी भावना, आज हरि आए विदुर घर पाहुना, आज हरि आए विदुर घर पाहुना, आज हरि आए ......
केले लिए विदुर कर माहीं, गिरी देत गिरधर मुख माहीं, केले लिए विदुर कर माहीं, गिरी देत गिरधर मुख माहीं, कहे कृष्ण जी, सुनो विदुर जी, कहे कृष्ण जी, सुनो विदुर जी, वो सुवाद नहीं आवना, आज हरि आए विदुर घर पाहुना, आज हरि आए विदुर घर पाहुना, आज हरि आए ......
बासी–कूची, रूखी–सूखी, हम तो विदुर जी प्रेम के भूखे, बासी–कूची, रूखी–सूखी, हम तो विदुर जी प्रेम के भूखे, शम्भु–सखी धन्य धन्य विदुरानी, शम्भु–सखी धन्य धन्य विदुरानी, भक्तन मान बढावना, आज हरि आए विदुर घर पाहुना, आज हरि आए विदुर घर पाहुना, आज हरि आए ......