मेरी मैया बड़ी अलबेली, वो तो भर देंगी झोली खाली, मेरी मैया बड़ी अलबेली, वो तो भर देगी झोली खाली, कभी तारों के संग, कभी सूरज के संग, कभी तारों के संग, कभी सूरज के संग, कभी चंदा के बीच अकेली, वो तो भर देंगी झोली खाली, मेरी मैया बड़ी अलबेली, वो तो भर देंगी झोली खाली।।
कभी रामा के संग, कभी लक्ष्मण के संग, कभी रामा के संग, कभी लक्ष्मण के संग, कभी हनुमत के संग अकेली, वो तो भर देंगी झोली खाली, मेरी मैया बड़ी अलबेली, वो तो भर देंगी झोली खाली।।
कभी ब्रह्मा के संग, कभी विष्णु के संग, कभी ब्रह्मा के संग, कभी विष्णु के संग, कभी नारद के संग अकेली, वो तो भर देंगी झोली खाली, मेरी मैया बड़ी अलबेली, वो तो भर देंगी झोली खाली।।
कभी भोले के संग, कभी गौरा के संग, कभी भोले के संग, कभी गौरा के संग, कभी गणपत के संग अकेली, वो तो भर देंगी झोली खाली, मेरी मैया बड़ी अलबेली, वो तो भर देंगी झोली खाली।।
कभी कान्हा के संग, कभी राधा के संग, कभी कान्हा के संग, कभी राधा के संग, कभी दाऊ के संग अकेली, वो तो भर देंगी झोली खाली, मेरी मैया बड़ी अलबेली, वो तो भर देंगी झोली खाली।।
कभी गंगा के संग, कभी जमुना के संग, कभी गंगा के संग, कभी जमुना के संग, कभी लहरों के बीच अकेली, वो तो भर देंगी झोली खाली, मेरी मैया बड़ी अलबेली, वो तो भर देंगी झोली खाली।।