संकट हर लो मंगल कर दो, प्यारे शिव गौरा के लाल रे, अब विनती सुनो गणपति देवा–२
हे गणनायक, देव गजानन, मूषक चढ़कर आओ–२ हाथ जोड़कर द्वार खड़े हैं, अब ना देर लगाओ, गजानन जल्दी से तुम आओ, आकर के अपने भक्तों का, तुम जान लो दिल का हाल रे़, अब विनती सुनो गणपति देवा।।
संकट हर लो मंगल कर दो, प्यारे शिव गौरा के लाल रे, अब विनती सुनो गणपति देवा।।
तुमको ना बतलाएं तो हम, अपनी किसे सुनाएं, तुम ही बता दो सिद्धि विनायक, किसके द्वार पे जाएं, बताओ किस को अपनी सुनाएं, दुःख के बादल ने घेरा हमें, संकट का फैला जाल रे, अब विनती सुनो गणपति देवा।। संकट हर लो मंगल कर दो, प्यारे शिव गौरा के लाल रे, अब विनती सुनो गणपति देवा।।
संकट हरता संकट काटो, चारों तरफ तेरा राज, कर दो अब खुशियों की वर्षा, हे गणपति महाराज, हमारे पूरन कर दो काज, सबके पूरन तुम काम करो, जग में है तेरी मिसाल रे, अब विनती सुनो गणपति देवा।। संकट हर लो मंगल कर दो, प्यारे शिव गौरा के लाल रे, अब विनती सुनो गणपति देवा
टूट रही है आस की डोरी, डोल रहा विश्वास, अब तो हमें तुम अपनी दया का, दे दो प्रभु प्रसाद रे, कहीं अब टूट ना जाए आस, जैसे भी हो अब तो तुमको, देवा करना है कमाल रे, अब विनती सुनो गणपति देवा।।
संकट हर लो मंगल कर दो, प्यारे शिव गौरा के लाल रे, अब विनती सुनो गणपति देवा–२