जड़ से पहाडों को डाले उखाड़, थर्राते त्रिभुवन, जब मारे दहाड़, बड़े बलशाली हैं, बाबा बजरंगबली, इनकी महिमा निराली है, बाबा बजरंगबली-2
भूत प्रेत कांपे, नाम सुनते महावीर का जब, दम दानवों के निकलते, याद आती है रनधीर की जब, लाल ही तन लाल बदन, लाली भी निराली है, बाबा बजरंगबली, इनकी महिमा निराली है, बाबा बजरंंगबली।। जड़ से पहाडों को डाले उखाड़, थर्राते त्रिभुवन जब मारे दहाड़, बड़े बलशाली हैं, बाबा बजरंगबली, इनकी महिमा निराली है, बाबा बजरंगबली।
दे मुद्रिका माँ सिया को, शोक मोह सारा उनका निबारा, फल खाये उपवन उजाड़ा, दुष्ट अक्षय पटक करके मारा, लंका जला अंजनी लला , पूँछ जल में बुझा ली है, बाबा बजरंगबली, इनकी महिमा निराली है, बाबा बजरंगबली।। जड़ से पहाडों को डाले उखाड़, थर्राते त्रिभुवन जब मारे दहाड़, बड़े बलशाली हैं, बाबा बजरंगबली, इनकी महिमा निराली है, बाबा बजरंगबली।
संजीवनी संग पूरा, दोर्णागिरी उठाकर के लाये, लंका से ला वैध जी को, प्राण भ्राता लखन के बचाये, सियाराम मन में देख लो, छाती चीर डाली है, बाबा बजरंगबली, इनकी महिमा निराली है, बाबा बजरंगबली।। जड़ से पहाडों को डाले उखाड़, थर्राते त्रिभुवन जब मारे दहाड़, बड़े बलशाली हैं, बाबा बजरंगबली, इनकी महिमा निराली है, बाबा बजरंगबली।
राम सब काम करते, सब जियें राम के ही सहारे, पर आपने तो है हनुमत, काम सब राम के भी संवारे, खाली कोई लौटा नहीं, गर का सवाली है, बाबा बजरंगबली, इनकी महिमा निराली है, बाबा बजरंगबली।। जड़ से पहाडों को डाले उखाड़, थर्राते त्रिभुवन जब मारे दहाड़, बड़े बलशाली हैं, बाबा बजरंगबली, इनकी महिमा निराली है, बाबा बजरंगबली।।